निजामुद्दीन के मरकज में शामिल हुए लोगों की तलाश जारी, जानिए कहां-कहां से आए थे लोग?

निजामुद्दीन के मरकज में शामिल हुए लोगों की तलाश जारी, जानिए कहां-कहां से आए थे लोग?

सेहतराग टीम

देशभर में दिल्ली में निजामुद्दीन के मरकज में शामिल हुए लोगों की तलाश जारी है। इस मामले समाने आने के बाद से केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार हरकत में है। वहीं बुधवार को पुणे जिला कलेक्टर नवल किशोर ने बताया  निज़ामुद्दीन में तब्लीगी जमात के मरकज़ में पुणे से हिस्सा लेने वाले लोगों की कुल संख्या 130 से ज्यादा है और इनमें से कुछ लोग पुणे में नहीं है या उन्हें स नहीं किया जा सकता है। इन लोगों की तलाश जारी है। उन्होंने ने आगे बताया कि इस निज़ामुद्दीन मरकज़ से संबंधित लोगों में अब तक 60 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है, हालांकि किसी में भी लक्षण नहीं हैं। सैंपल को जांच के लिए भेजा जा रहा है और दूसरे लोगों की ट्रेसिंग जारी है।

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निजामुद्दीन में धार्मिक सभा में आए लोग दिल्ली की 16 मस्जिदों में ठहरे थे: पुलिस

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने निजामुद्दीन में धार्मिक सभा में भाग लेने के बाद राष्ट्रीय राजधानी की 16 मस्जिदों में ठहरे विदेशी नागरिकों समेत लोगों के संबंध में उठाए गए तत्काल कदमों के बारे में मंगलवार को दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर जानकारी दी। इसके मुताबिक इस प्रकार के 157 लोग थे जिनमें 94 इंडोनेशिया, 13 किर्गिस्तान, नौ बांग्लादेश, आठ मलेशिया, सात अल्जीरिया और ट्यूनिशिया, बेल्जियम और इटली का एक-एक नागरिक शामिल है और बाकी बचे हुए लोग भारतीय हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मस्जिदों में जाकर छानबीन कर विदेशी नागरिकों अलग किया है।

गुजरात से 76 लोग धार्मिक आयोजन में शामिल हुए थे:

गुजरात पुलिस नेकहा कि दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए धार्मिक आयोजन में राज्य के कुछ लोग भी शामिल हुए थे और वह उनकी पहचान करने तथा उनका पता लगाने की प्रक्रिया में है यह धार्मिक कार्यक्रम देश में कोरोना वायरस फैलाने का एक प्रमुख स्रोत बन गया है। अधिकारियों ने बताया कि अकेले सूरत से इस महीने की शुरुआत में तबलीगी जमात के मुख्यालय मरकज निजामुद्दीन में हुए आयोजन में 76 लोग शामिल हुए थे।

सूरत नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि अब अधिकारी उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उनके घातक विषाणु से संक्रमित होने की आशंका है। पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने कहा कि गुजरात से शामिल हुए लोगों की पहचान के लिए जांच के आदेश दिये गये और प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ कि भावनगर से भी कुछ लोग धार्मिक आयोजन में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि गुजरात से कुछ लोग सभा में गए थे। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है। झा ने गांधीनगर में पत्रकारों से कहा कि अहमदाबाद अपराध शाखा के डीसीपी दीपान भद्रन के साथ एटीएस को उन लोगों (जो धार्मिक आयोजन में शामिल हुए थे) की पहचान करने की जांच सौंपी गई है।

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तेलंगाना के लगभग 1,000 लोग निजामुद्दीन में धार्मिक आयोजन में शामिल हुए थे:

तेलंगाना प्रशासन का अनुमान है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में राज्य के 1000 से अधिक लोग शामिल हुए होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसे लोगों के संपर्क में आए व्यक्तियों की पहचान की कोशिश की जा रही है। उस कार्यक्रम में शामिल होने वाले छह लोगों की कोरोना वायरस से मौत होने के बाद राज्य सरकार ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। सोमवार रात तक तेलंगाना में कोरोना वायरस के कुल 77 मामले सामने आए हैं जिनमें से लगभग 14 लोग इस संक्रमण से उबर चुके हैं।

उत्तर प्रदेश से भी 17 लोगों के निजामुद्दीन सभा में भाग लेने का पता चला:

ग्रेटर नोएडा में रबूपुरा कस्बे के एक मकान में रह रहे 17 लोगों के दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित हुई धार्मिक सभा में भाग लेने का पता चला है जिसके बाद पुलिस ने उनकी चिकित्सकीय जांच कराई है। इनमें से किसी के संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है। उनके धार्मिक सभा में भाग लेने की बात पता चलने के बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बताया जा रहा है कि ये सभी लोग झारखंड के रहने वाले हैं।

पुलिस उपायुक्त (जोन तृतीय) राजेश कुमार सिंह ने कहा कि मंगलवार शाम को रबूपुरा कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि रबूपुरा स्थित एक मकान में कुछ लोग छुप कर रह रहे हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने 17 लोगों को मौके से पकड़ा। सभी ने स्वयं को झारखंड का निवासी बताया। प्रारम्भिक पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे लोग दिल्ली के निजामुद्दीन से रबूपुरा आए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने सभी को मेडिकल जांच के लिए जेवर के सरकारी अस्पताल भेज दिया। डीसीपी ने कहा कि सभी लोग निजामुद्दीन से तबलीगी जमात कार्यक्रम में भाग लेने के बाद 14 मार्च को यहां आकर रुके थे।  उन्होंने बताया कि 14 मार्च से लेकर अब तक किसी का स्वास्थ्य खराब नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान किसी में कोरोना वायरस संक्रमण की बात सामने नहीं आई।

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तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में शामिल छत्तीसगढ़ के 101 लोगों की पहचान:

दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में शामिल छत्तीसगढ़ के 101 लोगों की पहचान की गई है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में राज्य के 101 लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है। इस आयोजन में शामिल हुए जमात के 32 सदस्य अलग और 69 सदस्य आइसोलेशन में रखे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि निजामुद्दीन में आयोजन में शामिल कुछ सदस्यों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने और कुछ लोगों की मृत्यु होने की घटना के बाद राज्य सरकार पूरी सतर्कता बरत रही हैं। छत्तीसगढ़ में लगभग 8 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि की गई है। दो मरीजों की अस्पताल से छुट्टी के बाद छह लोगों का इलाज किया जा रहा है। इनमें से चार रायपुर के एम्स में तथा एक बिलासपुर और एक राजनांदगांव के अस्पताल में भर्ती हैं।

कर्नाटक में कोरोना के मामले तकरीबन 100 के पार, तबलीगी जमात से जुड़े 78 लोगों को किया अलग:

कर्नाटक में कोरोना वायरस के लगभग 10 नए मामले आने के साथ ही राज्य में इस घातक विषाणु से संक्रमित लोगों की संख्या लगभग 100 के आंकड़ें को पार कर गई है।  स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में जानकारी दी गई कि अभी तक राज्य में कोविड-19 के  तकरीबन 100 के ऊपर मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें तीन लोगों की मौत हो गई और आठ लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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निजामुद्दीन मरकज में सभा में शामिल हुए भोपाल के सभी लोगों दिल्ली में अलग रखे गए:

दिल्ली के निजामुद्दीन में धार्मिक सभा में शामिल हुए भोपाल के तकरीबन 32 लोगों को दिल्ली में ही पृथक रखा गया है और उनमें से कोई व्यक्ति भोपाल नहीं आया। भोपाल के कलेक्टर तरुण पिथोडे ने मंगलवार को बताया कि इसके साथ ही विदेशों से भोपाल आए 55 और अन्य जमात सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण करा लिया गया है। पिथोडे ने बताया कि इनमें से किसी में भी बीमारी के कोई लक्षण नहीं मिले। उन्होंने कहा कि इन विदेशियों के संपर्क में आए लोगों के नमूने भी जांच के लिए भेज दिए गए हैं। पिथोडे ने कहा कि सभी जमात सदस्यों ने 21 दिन का खुद अलग रहने का समय पूरा कर लिया है। किसी भी जमाती में बीमारी का कोई लक्षण नहीं है। उन्होंने कहा कि भोपाल की जनता को घबराने की आवश्यकता नहीं है।

 

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